मानव जीवन में शिक्षा को अमूल्य व विशुद्ध कार्य माना गया है | शिक्षा वह प्रकाशकीय ज्योति है जो अज्ञानरूपी अंधकार को दूर कर विद्यार्थी को ज्ञानरूपी प्रकाश प्रदान करती है | इसलिए कहा गया है-
तमसो मा ज्योतिर्गमय
विद्या भारती के कुशल नेतृत्व और विद्यालय की प्रबंध समिति के निर्देशन में विद्यालय उत्तरोत्तर प्रगतिपथ पर अग्रसर है | विद्यालय का लक्ष्य नन्ही नन्ही बालिकाओं को समसामयिक शिक्षा प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना जिसके द्वारा वे अपने जीवन को ज्योतिपुंज बना सकें, जिसके लिए प्रबंध समिति द्वारा समग्र नवीनतम उपकरण, शिक्षण सामग्री एवं आधुनिक सुविधाओं को व्यवस्था विद्यालय में निरंतर उपलब्ध कराई जाती है |
विश्वनाथ गुप्ता